सोमवार, 25 जनवरी 2016

२६ जनवरी आ गया...

देखो २६ जनवरी आ गया सबको याद दिला गया गणतंत्र की परिभाषा फिर से जाग्रत हो गयी |
देश की आन-बान-शान को बनाने वाले हमारे वीर नौजवानों तुम्हारी कुर्बानी फिर से हमें रुला गयी ||

वही सवेरा वहीँ हैं लोग सभी जिसने कभी न नतमस्तक होने की भावनाओं को लेकर तिरंगा फहराया है |
फक्र है हम सबको कि नित-नूतन और उन्नत भाव से फिर आज देखो गणतंत्र दिवस आया है ||

कसम है हमें तुम्हारे कुर्बानी की ,एक की जगह करोड़ों चिंगारियों की लौ से दुश्मनों धूल चटाना है |
मेल-मिलाप और प्यार की भाषाओं का होकर हम सब को कर्मठता के साथ उन्नत और विकास को अपनाना है||

भारत माँ के लाल वीर जवान सिपाहीयों नित मस्तक हैं हम-सब नवाते याद तुम्हारी जब बहुत आती है |
कण-कण ऋणी हैं हम सब का तुम्हारा लहरा कर तिरंगा हम कदम से कदम मिला याद तुम्हें ही करते हैं ||

देख रहे हो न आज सभी मुस्कानों को, ये मानों कर देना चाहतें हैं अपना सब-कुछ अपने वीर नौजवानों पर |
देखो २६ जनवरी है आ गया फिर से मानों कुछ कर जाने की चाह ले आगे बढ़-वैरी को क़दमों तले झुकाने को ||


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