बुधवार, 18 फ़रवरी 2015

सोशल-मीडिया

सोशल मीडिया एक लिंक है जिसमें सभी को हक़ है अपनी बात पहुँचाने की |
सबके दो पहलु होते हैं कभी हम इसे सकारात्मक समझते हैं तो कभी नकारात्मक ||

बस एक बात तय है सत्य को कोई झुटला नहीं सकता बशर्ते वह खुद न डिगे |
धैर्य रखो ,विश्वास रखो , निडर बनो सब सत्य है बशर्ते युनिवर्श्ल ट्रुथ के साथ आगे बढ़ो ||

फेशबुक हो या अन्य ,कमेन्ट से हिचको मत और किसी धमकी से डरो मत |
साथ किसी का मत छोड़ो जिसका दामन् थामा है चाहें पत्थर हो या फूल हो ||

कोशिश में लगे रहो ,हो सके तो अपनी चिंतन को सक्रियतापूर्वक व्यावहारिकता में ढालो मात्र किताबी मत रहने देना |
क्यूँकि किताबी कीड़ा का अनुशरण कम होता जा रहा है उसे सोशल-मीडिया में डालो तो शायद लोग पढ़ें ||

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