बुधवार, 18 फ़रवरी 2015

चिंतन करो चिंता नहीं...!

चिंतन उत्तम होता है लेकिन वहीं चिंता चिता समान होती है |
चिंतन से कठिन राह भी जहाँ सुगम बन जाते हैं वहीं चिंता सरलीकृत को भी दुर्गमता में ढालती है |

मेरी चिंतन कहती है हमसे जब सही मार्ग के सुझाव नहीं दिखे तो अपनी कमी को तराशो |
सब गलत है या सब दुर्लभ है सोच मत बैठ जाना नहीं तो एक बोझ की तरह ही यहाँ से जाओगी ||

गवेषणात्मकता की तरफ ललकारती हुई वो पूछती है हमसे आज कौन सी नयी परिभाषा है ?
फिर कहती है छोड़ो भी परिभाषाएं गढ़ना अध्ययनशीलता को व्यावहारिकता में ढालने कि जरुरत है ||

अतिरेकत्ता का अनुशरण से अपने-आप को दूर ही रखना नहीं तो वही चिंतन नकारात्मकता का जामा पहना देगी |
सकारात्मकता और चिंतन में व्यावहारिकता का समावेश कर राह को सुगम बनाते हुए आगे बढ़ना ही जीवन है ||



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