सोमवार, 10 नवंबर 2014

वाइरस

जीवन सुन्दर है सलोना है लोग भी उत्तम हैं बस कुछ वाइरस हर जगह होते हैं  |
उससे बचने के लिए जीवन की गति को,रिफार्मैट करते रहना सक्रियता हेतु जरुरी है ||

रिफार्मैट करने के लिए सबसे बड़ी संस्था है हमारी अपनी सलोनी भारतीय परम्पराएँ और संस्कृति |
इसे पहचानो और अध्ययन करो फिर देखना कोई ऐसी ताकत नहीं है जो तुम्हेँ अपना गुलाम बना सके ||

इस संस्था से लिए गए वाइरस निवारक की एक यही शर्त है कभी हार और असम्भव को मत आने देना |
फिर देखना ऐसी कौन सी ताकत है जो तुम्हे विचलित करती है पास पहुंचने से अपने मंजिल के ||

बड़ों-बड़ों को झुकाया और मिटाया है हमारी संस्था  को आँच-पहुँचाने वाले अहंकारों और असुरों को |
बस इतना अनुनय-विनय तुम्हे है मानना विश्वास और धैर्य को ले मस्त हो तत्पर रहो वाइरसों  से ||

सतर्कतापूर्वक लक्ष्य के साथ बढ़ना तुम्हारा एक धेय्य हो तुम मत देखो ,सुनो या कहो तुम्हारी क्या चाह है |
बस एक दिन ऐसा आएगा वो (लक्ष्य) नतमस्तक हो निर्भयता से ओतप्रोत हो गौरवान्वित तुम्हेँ कराएगा ||

वाइरस का रहना भी जरुरी है नहीं तो क्रियात्मकता और हमारी पावन संस्था को न कोई पहचानेगा |
इस संस्थान के  स्मरणीय दिग्गजों को अपना गुरु मान बढ़ते रहना ही तुम्हारी आन व पहचान है ||






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें