स्वच्छता और निर्मलता सबके मन को भाता और लुभाता
है !
चलो हमसब मिलकर भारत को स्वच्छ बनाते है !!
गन्दगी चाहें जहाँ भी हो उसे यहाँ से हटाना है !
क्यूँकि भारत को स्वच्छ बनाने की हमने ठानी है !!
तन से और मन से आज बस एक बात ही हमने ठानी है !
भारत के कोने-कोने में ह्म सब भारतवासी स्वच्छता
को लाना है !!
इस थल को स्वच्छ बनाना और जल को निर्मलता में
ढालने की हमने ठानी है !
थल और जल की शोभा हमको अपने मन की स्वच्छता के लिए
उद्वेलित करेंगें !!
थल-जल और मन की त्रिगुनी मिलकर उत्तम नागरिकता को
पनपायेंगे !
उत्तमता से परिपूर्ण भारतीय नागरिक अपनी कृतित्व
से सारे जाग को लुभायेंगे !!
हैं न प्यारी स्वच्छता हमारी , जिससे देश की
कायाकल्प की निर्मलता सभी को लुभाती है !
आओ अब मत सोचो बहुत हो चुका चलो अपने भारत को
स्वच्छ और निर्मल बनाना है !!
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