शुक्रवार, 16 मई 2014

धन्य है हमारा लोकतंत्र !!!

लोकतंत्र की जय कहूँ या जनता की जीत|
या कहूँ फिर एनडीए की जीत या कह लूँ बीजेपी की जीत ||

जो भी कहो सबके पीछे जीत गया है हमारा लोकतंत्रीकरण ही |
इसने जता दिया है जनता की चाह जब होती है तो वह क्या नहीं कर गुजरती है ||

जीत हुई है अनेक उम्मीदों की और जीत है अरमानो की |
जिसे दिखाया है हम सबको वो है केवल और केवल मोदी सरकार ||

सरकार के अन्दर ही आ जाते हैं सारे संगठन और  जन- महान |
अब  सब कोई यही  है कह सकता कि श्रम और लगन ही है  महान ||

आज जश्न मना लो क्यूँकि जीत हुई है जनता-जनार्दन की |
ये जनता संवेदनशील तो है लेकिन मुर्ख नहीं वह बन सकती ||

बस एकात्मकता और सकारात्मकता के साथ उम्मीदों को बुलंद बनाना है |
विनय और प्रार्थना के साथ आज जीत के जश्न को सक्रियता में ढालना है ||

मंगल हो उत्तम हो और सर्वोत्तमता के लिए बल और आशीष मिले इस  नयी सरकार को |
नाउम्मीदी में भी उम्मीद दिखे ऐसा ही कर गुजरने की चाह लिए नए सांसदों को लोकसभा में प्रवेश मिले ||



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