रविवार, 27 अप्रैल 2014

चुनावी जंग और आरोप-प्रत्यारोप !

सोलहवीं लोकसभा का चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर आने वाला है ,
जहाँ देखो वहीँ आरोपों के साथ-साथ प्रत्यारोपों का सिलसिला जरी है |

कौन किसको क्या कहता है किसी-किसी को तो शायद खुद को ही नहीं पता है ,
आरोप और प्रत्यारोप तो सही है लेकिन कुछ तो वजनदार रहे इसका तो रखो ध्यान |

बचकाने और तुच्छता की सरहदों पर मत करो अपना बेकार वार ,
कुछ भी कर लो , कुछ भी कह लो अबकी बार आने वाला है मोदी सरकार | 

इतना तो रखो ध्यान आफ्टर-इलेक्शन भी करने हैं तुमको काम ,
मत खपावो अपनी एनर्जी इन बेबुनियादी प्रत्यारोपों में !

कुछ भी हो जाये या चाहें कितने भी हों शब्दों और कुशब्दों के बौछार ,
आने वाला है इस बार एकात्मकता और पूर्ण-बहुमत के साथ केवल मोदी सरकार !!!



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें