मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

विश्वास और धैर्य

विश्वास और धैर्य की एकात्मकता ही हमारा जीवन है ,
जीवन में विश्वास लाने के लिए धैर्य की नितांत जरुरत है |

                         धैर्य को पुख्ता और प्रौढ़  बनाने के लिए जरुरत है विश्वास की ,
                         विश्वास और धैर्य के साथ फिर जरुरत है जीवन में  एक लक्ष्य की |

विश्वास, धैर्य और लक्ष्य ये तीनो दोस्त मिलकर  फिर करते  हैं उत्थान,
उत्थान के पग पर चलते हुए गिरते -पड़ते और उठतें बन जाते हैं महान |

                       महान बनते ही बन जाता है वह समाज और देश की पुकार ,
                       सकारात्मक और नकारात्मक आवाजों के साथ करते हैं उससे सब गुहार |

उसे तो सुनना ही है सबको और सुनता भी है वह सबकी ,
लेकिन क्रियान्वयन के लिए जरुरी है सुनना बस उत्कर्ष की |


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