शनिवार, 12 अप्रैल 2014

ख्वाबें और हकीकत

ख्वाबें देखना न छोड़ देना जब हो मुलाकात तुम्हारी हकीकत से ,(परेशानी)
वो(हकीकत) मिल गया तुमसे तो ,समझना ख्वाब तुम्हारे सही हैं |

रखना है बस तुम्हेँ सर्वदा  एक लक्ष्य अपने ख्वाब में ,
ना विसराना उसे कभी तुम जब भी लगे तुम हार गयें |

हार कर जितना और जीत कर हारना ये तो प्रकृति के नियम हैं ,
दिन के उजाले और रात के अँधेरे दोनों का साथ अनोखा है | 

बस सतत प्रयास के साथ सतर्क रहना अपने ख्वाबों को पूरा करने में ,
फिर देखना और हरखना (खुश) ख्वाब से बने हकीकत (परिणाम) को |

ख्वाबें बेमिशाल हों साथ में सतत प्रयास हो तो परिणाम भी एक चमत्कार है !!!!!



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