नारी अबला नहीं , कमजोर नहीं , किन्तु संवेदनशील होती है ,
अतः ठेस न कभी पहुँचाना उसे ,इसका है रखना ध्यान तुम्हे |
नारी को जिसने देवी कहा उसने भी उससे सहनशीलता की उम्मीद रखी है ,
जिसने नारी को श्रद्धा कहा है उसने भी उससे कोमलता और नमनीयता की उम्मीद रखी है |
मै कहती हूँ नारी भी तुम जैसी ही है मत रखो कोई दैवीय उम्मीद उससे ,
उसे भी है उत्तमता की पहचान और सही स्थान बनाना आता है | (तथा कथित पुरुष समाज में)
नारी की बस एक चाह है ! देना उसे तुम सदा मान और सम्मान ,
अपने सपनों में भी उसके प्रति मत कुत्सित भावों को पनपने देना |
क्योंकि नारी अबला नहीं , कमजोर नहीं , किन्तु संवेदनशील होती है !!!!!
अतः ठेस न कभी पहुँचाना उसे ,इसका है रखना ध्यान तुम्हे |
नारी को जिसने देवी कहा उसने भी उससे सहनशीलता की उम्मीद रखी है ,
जिसने नारी को श्रद्धा कहा है उसने भी उससे कोमलता और नमनीयता की उम्मीद रखी है |
मै कहती हूँ नारी भी तुम जैसी ही है मत रखो कोई दैवीय उम्मीद उससे ,
उसे भी है उत्तमता की पहचान और सही स्थान बनाना आता है | (तथा कथित पुरुष समाज में)
नारी की बस एक चाह है ! देना उसे तुम सदा मान और सम्मान ,
क्योंकि नारी अबला नहीं , कमजोर नहीं , किन्तु संवेदनशील होती है !!!!!

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