शब्द ही सब कुछ है या नहीं यह तब मालूम होता है ,
जब ये शब्दों से वाक्यों में तब्द्दिल हो जाते हैं |
इससे भी ज्यादा तब जब ये वाक्यों के सह से एक अनुच्छेद बन जाता है ,
उत्तमता तो इसकी देखो कितने अध्याय बन जाते हैं इन शब्दों के भरमार से ही ||
अध्याय दर अध्याय से ये शब्द पुस्तक में प्रतिरूपित हो जाती है ,
ये सारे कमाल इन शब्दों का ही तो है जिसने सारा इतिहास रच डाला है |
वेद -पुराण सब जगह तो इन शब्दों का ही चमत्कार है ,
अन्यथा हम रह जाते अनभिज्ञ यूँ ही अपने पुराने चमत्कारों(विज्ञान) से ||
शब्दों ने ही तो करामत दिखायी है इन राजनीतिक -गलियारों में ,
बस देर है किसी के कुछ कहने की फिर देखो कैसी धूम मचती है अपने पत्रकारों में |
आज होड़ लगी है किसने कितने जोरदार शब्दों में ललकारा है ,
अरे जिसने शुरू से ही शब्द और कर्म दोनों को अपनाया उसकी तो छोड़ो !!!
लेकिन किसी ने गौर किया है जिसके शब्दों में दम नहीं था आज वो भी अनुकरणीय शब्दों से ललकार रहें हैं..
हैं ना ये शब्द कमाल के !!!!!
जब ये शब्दों से वाक्यों में तब्द्दिल हो जाते हैं |
इससे भी ज्यादा तब जब ये वाक्यों के सह से एक अनुच्छेद बन जाता है ,
उत्तमता तो इसकी देखो कितने अध्याय बन जाते हैं इन शब्दों के भरमार से ही ||
अध्याय दर अध्याय से ये शब्द पुस्तक में प्रतिरूपित हो जाती है ,
ये सारे कमाल इन शब्दों का ही तो है जिसने सारा इतिहास रच डाला है |
वेद -पुराण सब जगह तो इन शब्दों का ही चमत्कार है ,
अन्यथा हम रह जाते अनभिज्ञ यूँ ही अपने पुराने चमत्कारों(विज्ञान) से ||
शब्दों ने ही तो करामत दिखायी है इन राजनीतिक -गलियारों में ,
बस देर है किसी के कुछ कहने की फिर देखो कैसी धूम मचती है अपने पत्रकारों में |
आज होड़ लगी है किसने कितने जोरदार शब्दों में ललकारा है ,
अरे जिसने शुरू से ही शब्द और कर्म दोनों को अपनाया उसकी तो छोड़ो !!!
लेकिन किसी ने गौर किया है जिसके शब्दों में दम नहीं था आज वो भी अनुकरणीय शब्दों से ललकार रहें हैं..
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| बूंद बूंद से सागर बनता हैं और शब्दों से किताब |

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