शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

काश ऐसा होता !!!

कितना अच्छा होता जब ऐसा हो जाता ,
देश कि राजनीति केवल आरोपों-प्रत्यारोपों से न भरी होती !
केजरीवाल जी को सभी भ्रष्ट और उनका संगठन ही उत्तम न लगता ,
आज देश कि स्थिति को भावी चमत्कारी का केवल इंतजार न होता !!

काश ऐसा हो जाये कि सभी दल में सहमती से राय बन जाये,
फिर कभी किसी नेता को बगावत करने कि राजनीति न करनी पड़े !
जनता को जनार्दन समझो, न कि उनके संवेदनावों कि अवहेलना करो ,
अब तो चेतो ,मत सतावो भोली जनता को !!!कभी आप बन कर ,कभी दलितों के नाम पर !!!

अरे !क्या हम सब आजाद और स्वाधीन देश के नागरिक हैं ,
सोचना है अब हम सबको ही ,व्यर्थ है अन्यों के भरोशे बैठने पर !
यहाँ सबको अपनी परवाह है कोई नहीं सुझाने वाला है राह  तुम्हें ,
लेकिन देखो तुम भी कोई दलगत  राजनीति  में न पड़ना !!!!!
क्योंकि बेहद अनसुलझी हुई है डगर राज - नीति  की। …?????


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