है भारत की शान तू, मान और स्वाभिमान भी, ज़न - ज़न की है जान तू...
है सुहाना हमारा जहां आँच न कभी आयेगा और ऐसे ही निखरता जाएगा l
हे शूरवीरों तुमने जो जहां हमे है प्रदान किया,कसम तुम्हारी हम खाते हैं यूँ ही आगे बढ़ता जाएगा ll
तुमको भी हम सब पर नाज़ होगा क्यूँकी चांद भी हमारे खाते में आया है!
सूरज की तपन सा ओज है देखों हमारे आज के जवानों में l
मान और सम्मान की अदाएं आज भी रौनक को जगाती हैँ l
वहीं सुन्दर बलाएँ इतराते, इठलाते शौहर को रण में सजाएँ उनको विजयी द्वार दिखातीं हैँ ll
विज्ञान से लेकर धर्म को ज़न - ज़न ने पहले से भी बढ़ाया है l
जो खोया था कभी हमने, उसे भी पाने की हमने ठानी है,
अखण्ड भारत का सपना जो कभी तुमने हमें दिखाया था,
सौभाग्य जगाने के हेतु हम सब मिलकर कदम बढ़ायेंगे I
सब मिल आज हम ये सौगातें लाएँ हैं फिर से नया हिन्दुस्तान बनायेंगे ll
है सुहाना हमारा जहां आँच न कभी आयेगा और ऐसे ही निखरता जाएगा l
हे शूरवीरों तुमने जो जहां हमे है प्रदान किया,कसम तुम्हारी हम खाते हैं यूँ ही आगे बढ़ता जाएगा ll
तुमको भी हम सब पर नाज़ होगा क्यूँकी चांद भी हमारे खाते में आया है!
सूरज की तपन सा ओज है देखों हमारे आज के जवानों में l
मान और सम्मान की अदाएं आज भी रौनक को जगाती हैँ l
वहीं सुन्दर बलाएँ इतराते, इठलाते शौहर को रण में सजाएँ उनको विजयी द्वार दिखातीं हैँ ll
विज्ञान से लेकर धर्म को ज़न - ज़न ने पहले से भी बढ़ाया है l
जो खोया था कभी हमने, उसे भी पाने की हमने ठानी है,
अखण्ड भारत का सपना जो कभी तुमने हमें दिखाया था,
सौभाग्य जगाने के हेतु हम सब मिलकर कदम बढ़ायेंगे I
सब मिल आज हम ये सौगातें लाएँ हैं फिर से नया हिन्दुस्तान बनायेंगे ll
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