शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

स्वतंत्रता दिवस... मायने अपने-अपने

जन-जन ने ललकारा है आज तिरंगा फहराना है ,क्यूंकि स्वतंत्रता-दिवस मनाना है |
बदलते जा रहें हैं मायने इसके अंतरंगता छलकाना है,आज स्वतंत्रता-दिवस मनाना है ||

बूढ़े-बच्चे या हो जवान सबमें जोश जगाना है,क्यूंकि स्वतंत्रता-दिवस पर तिरंगे को लहराना है |
झंडे-तले सब एक भाव व् जोश भरे जयहिंद के उद्दगार लिए निर्भीक हो आगे ही बढ़ते जाना है ||

माँ को कोई आँख दिखाए अब सहन नहीं करना है ,आपसी मतभेद भुला देशहित ही ठिकाना है |
मन-धन-जन तीनों को अब गुलाम न बनने और बनाने की आज से हमने ठानी है ये दिवस रोजाना है ||

लहराते-तिरंगों से आ रही मौन आवाजों से शहीदों के बलिदानों की कीमत के भाव को हमारे जगाना है |
सुसुप्तावस्था को सक्रियता ,नकारात्मकता को सकारात्मकता के बीजों को अब हमें चतुर्दिक उपजाना है ||

स्वतंत्रता-दिवस के मायने देखों ना सबके हैं अपने-अपने बच्चों में चाकलेट युवाओं में विकास और बूढों में मिठास का ले स्वतंत्रता-दिवस मनाना है |
स्तरीय जागरूकता जो भी हो चतुर्दिक परिवर्तनों से लबालब विकासशीलता का नारा हमारा है ||






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